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आखिर क्या है माधो सिंह भंडारी संयुक्त सहकारी खेती योजना आप भी कैसे उठा सकते हैं लाभ

 

 

माधो सिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती में 1236 एकड़ कृषि भूमि में 2400 किसानों का चयन!

संयुक्त सहकारी खेती में रुचि ले रहे हैं किसान : डॉ धन सिंह रावत, सहकारिता मंत्री

 

देहरादून, 6 दिसम्बर 2024

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि, माधो सिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती में किसानों की रूचि दिखाई दे रही है। पिछले साल 70 बहुउद्देशीय सहकारी समितियों में 1236 एकड़ कृषि भूमि में 2400 किसानों का चयन किया गया है।
इस वर्ष और किसानों को इस खेती से जोड़े जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए
गए।

सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने आज शनिवार को एक भेंट में बताया कि, सहकारी खेती के माध्यम से विभिन्न सब्जियों की खेती किसानों के लि नकद आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हो रही है। उत्तराखंड में संयुक्त सहकारी खेती की सफलता कृषि क्षेत्र में सहयोगात्मक प्रयासों की क्षमता का प्रमाण है। संसाधनों और विशेषज्ञता को एकत्रित करके, किसानों ने अपनी आय बढ़ाई है। खेती का यह मॉडल व्यक्तिगत किसानों को लाभ पहुंचाने के साथ- साथ क्षेत्र में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा माधोसिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती राज्य में किसानों की आजीविका में सुधार का एक टिकाऊ और प्रभावी साधन साबित करने के लिए राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना द्वारा प्रदान किया गया समर्थन और मार्गदर्शन इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने में सहायक रहा है। मंत्री डॉ रावत ने सहकारिता अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह संयुक्त सहकारी खेती का न्याय पंचायत स्तर पर प्रचार प्रसार करें और विभिन्न सहकारी योजनाओं से अवगत कराते हुए इस खेती को बढ़ावा दे।

गौरतलब है कि, उत्तराखंड में संयुक्त सहकारी खेती में किसानों की रुचि एक सकारात्मक विकास है जो क्षेत्र में किसानों की आर्थिक संभावनाओं में उल्लेखनीय सुधार लाने की क्षमता रखता है। किसानों के बीच सहयोग और आपसी सहयोग को बढ़ावा देकर, सहकारिता विभाग ने खेती के इस रूप को बढ़ावा देने और इसकी सफलता को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग सहकारी खेती को अपनाएंगे, इसका उत्तराखंड के कृषि परिदृश्य पर स्थायी प्रभाव पड़ने की संभावना है। निरंतर समर्थन और निवेश के साथ, संयुक्त सहकारी खेती में क्षेत्र में कृषक समुदाय के लिए गेम-चेंजर बनने की क्षमता है।

यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो अपने जिले के जिला सहायक निबंधक या विकास अधिकारी  से संपर्क कर सकते हैं

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