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पैठाणी बाजार अतिक्रमण मामले में विपक्षी कर रहे खूब राजनीति : यदि इतने हितेषी थे तो सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आते : पूर्व मंडल अध्यक्ष
पैठाणी बाजार
इन दिनों उत्तराखंड में हाई कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है
वह अलग बात है कुछ जगह वोट बैंक के लालच में नेतागण सुप्रीम कोर्ट से स्टे भी ले आए है ताजा मामला हल्द्वानी का देखा जा सकता है,
लेकिन कुछ जगह नेताओं को इस मामले में राजनीति करनी ही है,
इस फैसले के विरोध में विपक्षी नेता यदि चाहते तो सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले सकते थे ,
लेकिन फिर राजनीति की रोटियां सेंकने का मौका चूक जाते राजनीति करते हुए आखिर एक माहौल भी तो बनाना है,
पूर्व मंडल अध्यक्ष पैठाणी वीरेंद्र रावत वीरू प्रधान ने हमसे बात करते हुए बताया कि यह जो आज पैठणी बाजार अतिक्रमण झेल रहा है यह सब कांग्रेस के तत्कालीन विधायक की देन है,
उनके द्वारा दो बार अतिक्रमण का नोटिस मिलने पर अतिक्रमण की कार्रवाई रूकवाई गई थी उस वक्त बाजार में महज गिनती की कुछ दुकान ही हुआ करती थी
वीरू प्रधान ने विपक्ष के नेताओं को हाई कोर्ट के इस आदेश पर राजनीति न करने की सलाह दी है, उन्होंने नाम न लेते हुए सिर्फ इशारों इशारों में कहा है कि जिस तरह वह अपने निजी हित के लिए हाई कोर्ट से स्टे ले आए वह इस मामले में भी यदि चाहते तो ऐसा कर सकते थे लेकिन फिर राजनीति का अवसर गंवा देते,
वही कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि श्रीनगर विधानसभा के पैठाणी में कांग्रेस का वोट बैंक खत्म करने के लिए अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों को बेरोजगार किया जा रहा है सरकार नेशनल हाईवे पर शराब की दुकानों को हटाने के आदेश के बाद नेशनल हाईवे को स्टेट हाईवे में कन्वर्ट कर बीच का रास्ता निकाला गया इस तरह सरकार अतिक्रमण हटाने के आदेश पर भी कोई तरीका ढूंढ सकती थी
लेकिन अतिक्रमण हटाने को लेकर स्थानीय ग्रामीण और आम आदमी सरकार के फैसले पर खुश भी दिखाई दे रहा है क्योंकि जिसका जाता है दर्द तो उसी को होता है,
ग्रामीणों का कहना है कि सभी दुकानदारों ने सड़क पर ही दुकान खोल दी थी जिस कारण आने-जाने में भारी परेशानी देखने को मिलती थी हर समय बाजार में जाम की स्थिति रहती थी यदि सड़क मार्ग चौड़े नहीं होंगे तो फिर यातायात सुगम कैसे संभव होगा ऐसे में हाई कोर्ट और सरकार की यह कार्रवाई स्वागत योग्य है,
एक कहावत है कि जब विकास होता है तो उसके कुछ दुष्परिणाम भी देखने को मिलते हैं
अतिक्रमण के चलते इन दिनों बाजार में व्यापार ठप्प पड़ा हुआ है दुकानदारों को मिस्त्री नहीं मिल रहे मकान मालिक दुकानदारों से दुकान खाली करवा रहे हैं हर व्यापारी जो कोविड के समय अन्य राज्यों से वापस अपने घरों को आए थे वह एक बार फिर यहां से जा रहे हैं ।
दूसरा बाजार में एक पक्ष के द्वारा भ्रम की स्थिति उत्पन्न की जा रही है क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत द्वारा व्यापारियों से वार्ता के पश्चात यह तय किया गया था की बाजार में 12 मीटर की जगह 9 मीटर पर अतिक्रमण हटाया जाएगा लेकिन कुछ अराजक तत्वों के द्वारा व्यापारियों के बीच यह भ्रम पैदा किया जा रहा है कि अतिक्रमण 12 मीटर पर ही किया जाएगा जिस कारण व्यापारियों में असमंजस की स्थिति है।