BiharUttrakhandगढ़वालवीडियोहेल्थ

उत्तरकाशी हादसा पहले दिन से आज तक की पूरी अपडेट घटनाक्रम

देहरादून उत्तरकाशी

 

जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप निर्माणाधीन लगभग 4531 मी0 लम्बी सुरंग जिसका कि सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मी० तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मी0 निर्माण हो चुका है, में दिनांक 12 नवम्बर, 2023 की प्रातः 08:45 पर सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिरने के कारण 40 व्यक्ति फँस गये थे। कार्यदायी संस्था एन एच. आई.डी. सी. एल. द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार फँसे हुये व्यक्तियों में से 02 उत्तराखण्ड के 01 हिमाचल, 04 बिहार के 03 पश्चिम बंगाल के 08 उत्तर प्रदेश के, 05 उड़ीसा के, 15 झारखण्ड के एवं 02 असम के हैं।

सुरंग के अंदर कम्प्रेशर के माध्यम से निरन्तरता में ऑक्सीजन प्रवाहित की जा रही है और दबाव युक्त हवा के साथ भोजन सामग्री के छोटे-छोटे पैकेट भी फंसे हुये व्यक्तियों तक पहुँचाये जा रहे हैं। फँसे हुये व्यक्तियों के साथ वॉकी-टॉकी के माध्यम से बातचीत की जा रही है और प्राप्त सूचना के अनुसार सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं।

सम्बन्धित विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर एन.एच.ए.आई., आर. बी. एन.एल., एन. एच.सी.एल., एल एण्ड टी, टी.एच.डी.सी., बी.आर.ओ. एवं एन.एच.आई.डी.सी.एल. के स्तर से उपलब्ध करवाये गये तकनीकी एवं अन्य उपकरणों व संसाधनों के द्वारा सुरंग के अन्दर आये मलबे को युद्ध स्तर पर हटाये जाने का कार्य किया जा रहा है तथा साथ-साथ सुरंग की दीवार पर शॉर्ट क्रीटिंग का कार्य भी किया जा रहा है। इसके साथ ही उपस्थित विशेषज्ञों के परामर्श पर फँसे हुये मजदूरों तक पहुँचने के लिये मलबा हटाकर सेटरिंग प्लेट लगा कर उन्हें निकालने के लिये सुरक्षित मार्ग (ESCAPE PASSAGE) तैयार किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं, परन्तु सुरंग के ऊपरी भाग से आ रहे मलबे के कारण इस कार्य में बाधा पहुँच रही है।

फँसे हुये व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के लिये विशेषज्ञों के द्वारा 900 मि.मी. के MS Steel Pipe को मलबे के आर-पार स्थापित किये जाने का परामर्श दिया गया है। वांछित संख्या में MS Steel Pipe घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं, जिन्हें सुरंग के अंदर स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है और साथ ही MS Steel Pipes की स्थापना हेतु सिंचाई विभाग के 05 विशेषज्ञ अभियन्ताओं के दल भी देहरादून से घटनास्थल पर पहुंच गया है।

आर.बी.एन.एल. द्वारा भेजी गई आर०ओ०सी० मशीन घटना स्थल पर पहुंच चुकी है।

घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है, जहाँ पर वॉर्टिकल ड्रिल मशीन, हॉरिजोण्टल ड्रिल मशीन व शॉर्टक्रीट मशीन उपलब्ध हैं, साथ ही सुरंग के बाहर 03 पोकलैण्ड, 02 जेसीबी, 06 ट्रक, 01 हाईड्रा, 02 लोडर तैनात हैं तथा सुरंग के अन्दर 04 पोकलैण्ड, 03 शॉर्टक्रीटिंग मशीन 02 बूमर, 02 हाईड्रा व 02 ट्रक कार्य कर रहे हैं।

खोज-बचाव कार्यों हेतु पुलिस, एन.डी.आर.एफ., एस. डी. आर. एफ., आई.टी.बी.पी., सीमा सड़क संगठन, स्वास्थ्य विभाग व त्वरित कार्यवाही दल के सदस्यों सहित कुल 160 राहतकर्मी घटनास्थल पर तैनात किये गये हैं।

त्वरित कार्यवाही के दृष्टिगत घटनास्थल से 05 कि.मी. की दूरी पर स्थापना के पास अस्थायी हेलीपेड का निर्माण किया गया है तथा चिन्यालीसौड़ हैलीपेड को भी राहत कार्यों हेतु चिह्नित किया गया है।

सुरंग में फँसे हुये व्यक्तियों के परिजनों की सुविधा तथा उनकी आशकाओं के निवारण एवं उन्हें स्थिति की सही जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जनपद प्रशासन के द्वारा इस घटना विशेष के लिये हेल्पलाइन की व्यवस्था की गयी है ( 01374-222722, 222126, 7500337269 जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र व 7455991223, 7818066867- सिल्क्यारा में स्थापित स्थलीय परिचालन केन्द्र) ।

सुरंग से व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के उपरान्त उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीमें विशेषज्ञ व उचित औषधि उपकरण, एम्बुलेंस सहित टनल गेट पर तैनात की गयी है। किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्यवाही हेतु निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालयों के साथ ही एम्स ऋषिकेश को हाई एलर्ट पर रखा गया है तथा ऑक्सीजन की निर्वाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया गया है।

जिलाधिकारी उत्तरकाशी मुख्य विकास अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, डुण्डा / बडकोट. एन.एच.आई.डी.सी.एल. के मुख्य प्रबन्धक एवं राजस्व टीम मौके पर मौजूद है।

इस घटना के कारणों की जाँच एवं तद् संबंधित आख्या तैयार कर उपलब्ध करवाये जाने हेतु निदेशक, उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति जिसमें वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग, भूगर्भ एवं खनिकर्म इकाई तथा राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के विशेषज्ञ सम्मिलित हैं, के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button