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केदारनाथ धाम मे पुलिस ने परिजनों से बिछड़ी 3 साल की बच्ची को मिलवाया।

केदारनाथ धाम मे पुलिस ने परिजनों से बिछड़ी 3 साल की बच्ची को मिलवाया।

जनपद रुद्रप्रयाग में प्रचलित श्री केदारनाथ यात्रा अपने चरम पर है, आशुतोष भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिगों में से एक श्री केदारनाथ ज्योतिर्लिंग जिसकी यात्रा अपने में काफी चुनौतीपूर्ण तथा दुर्गम है, इस यात्रा को पूर्ण करने के लिये लगभग 16 किमी की कठिन चढ़ाई चढ़नी पड़ती है और अगर यात्रा करते समय मौसम खराब हो जाये तो ये और भी दुर्गम हो जाती है। इसी प्रकार का एक घटनाक्रम गतदिवस देखने को मिला, जिसने रुद्रप्रयाग पुलिस के ममतामयी व करुणा के भाव को सामने लाया है।
रात्रि करीब सवा दस बजे के आस-पास एक नेपाली पिट्ठू वाला पुलिस चौकी केदारनाथ पहुंचा और उसने बताया कि वह आधे रास्ते से अपने पिट्ठू में इस बालिका को लेकर आ रहा था, परन्तु इसके परिजन पता नहीं कहां रह गये हैं, उनसे सम्पर्क भी नहीं हो पा रहा है। उक्त छोटी सी बच्ची तकरीबन 3 साल की रही होगी, जिसे अत्यधिक ठंड लग रही थी। पुलिस बल ने तुरन्त गरम टोपी पहनाई, गर्म कम्बल, हीटर इत्यादि पर बच्ची को बिठाया। उससे बात करने का प्रयास किया तो वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं थी केवल आई-बाबा बोल रही थी। पुलिस बल ने उसे खाने को बिस्किट इत्यादि दिये व पानी दिया। टोपी, कम्बल व हीटर की गर्मी पाकर बच्ची वहीं पर सो गयी। अब समस्या यह थी कि इस बच्ची के मां-पिता को कैसे ढूंढा जाये। नेपाली पिट्ठू वाले द्वारा बताये गये विवरण कि ये तीन-चार लोग थे और तेज बारिश के कारण अपनी बच्ची को पैदल ऊपर लाने में असमर्थ होने के कारण बच्ची के लिए पिट्ठू हायर किया था। नेपाली का नम्बर इन्होने लिया तो था पर नेपाली को अपना नम्बर नहीं दिया था। रात के अंधेरे व बारिश के बीच ये लोग आगे-पीछे हो गये थे। पुलिस ने इस बच्ची को उसके परिजनों से मिलवाने हेतु टीम गठन कर कुछेक लोग रुद्रा प्वाइन्ट वाले क्षेत्र में भेजे तथा कुछ लोगों को मन्दिर परिसर वाले क्षेत्र में भेजा। साथ ही बच्ची से सम्बन्धित फोटोग्राफ पुलिस के व्हट्सएप ग्रुपों में भेजे। बच्ची के परिजनों की ढूंढ़खोज के लिये हर संभव प्रयास किये गये, अनाउंसमेन्ट कराया गया, बेस केम्प मार्ग पर हर आने जाने वाले यात्रियों से बच्ची के सम्बन्ध में पूछताछ की गयी, यह सोचकर कि कोई न कोई ऐसा ग्रुप अवश्य होगा जो कि अपनी बच्ची को ढूंढ रहा होगा। अथक प्रयासों के बाद पुलिस की मेहनत रंग लायी तथा बच्ची के परिजनों से सम्पर्क हो पाया जो कि अपने स्तर से भी नेपाली पिट्ठू वाले और उनकी बच्ची को ढूंढ रहे थे। जब इनको यह ज्ञात हुआ कि इनकी बच्ची को नेपाली पिट्ठू वाले ने पुलिस के पास दे दिया है और उनकी बच्ची सकुशल है तो इनकी भी सांस में सांस आयी और ये लोग पुलिस चौकी पहुंचे जहां पर इनको इनकी बिटिया आराम करती हुई मिली। पुलिस ने बच्ची को उसकी माता श्रीमती भारती देवी के सुपुर्द किया गया। परिजनों द्वारा बताये गये विवरण के आधार पर इनकी 03 वर्षीय बच्ची स्वीटी उर्फ भाविका जब ये लोग केदारनाथ धाम के लिए पैदल आ रहे थे, लिंचोली से ऊपर वाले क्षेत्र में बारिश में भीगने के कारण ये खुद भी चलने मे कठिनाई महसूस कर रहे थे और इन्होने अपनी बिटिया नेपाली पिट्ठू वाले के पास बारिश से बचने के लिए देते हुए ये रास्ते में कहीं पर आगे-पीछे हो गये थे। बच्ची की मां ने पिठ्ठू वाले का मोबाइल नम्बर लिया गया था किन्तु वो नम्बर जिस फोन में सुरक्षित किया था वो स्विच ऑफ हो गया था, तथा उनका पिठ्ठू वाले से कोई सम्पर्क न होने तथा अपनी बच्ची के न मिलने पर वो काफी परेशान हो गयी तथा बच्ची को बदहवास रूप से ढूंढ़ने लग गयी। अपनी बच्ची के सकुशल मिलने से उसकी माता अत्यन्त भावुक हो गयी तथा उनके द्वारा रुद्रप्रयाग पुलिस का आभार प्रकट किया गया। बच्ची के पुलिस के पास आने तथा उसके परिजनों से मिलवाने के मध्य लगभग दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रात्रि के 12 बजे करीब ये अपनी बच्ची को सुरक्षित और सकुशल अपने पास ले गये।

 

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