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मूल निवास के समर्थन में उतरे शंकराचार्य कहा इस आंदोलन को है मेरा समर्थन

हरिद्वार

 

उत्तराखंड में मूल निवास और भू कानून को लेकर इन दिनों माहौल गर्म है हर एक उत्तराखंडी मूल निवास कानून को लेकर आंदोलन का समर्थन कर रहा है ऐसे में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ का समर्थन भी इस आंदोलन को मिल गया है हरिद्वार चंडी घाट पर शीतकालीन चार धाम तीर्थ यात्रा के समापन अवसर पर उन्होंने यह बात कही इस दौरान उनसे मिलने के लिए मूल निवास  आंदोलन के पदाधिकारी मिलने  पहुंचे थे जहां उन्होंने यह बात कही

सप्तदिवसीय इस  शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा में
सबसे पहले हरिद्वार के चण्डीघाट से गंगा पूजा कर शीत यमुनोत्री सुखीमठ, शीत गंगोत्री मुखीमठ, शीत केदार ऊखीमठ और शीत बदरीनाथ जोशीमठ में पूजा करके उद्धव जी और कुबेर जी की पूजा के बाद आज पुनः भगवती भागीरथी गंगा जी की विशेष पूजा और महाआरती सम्पन्न की गई ।

 

एक सवाल का उत्तर देते हुए शंकराचार्य महाराज ने बताया कि शीतकाल में सभी तीर्थस्थलों की ऊर्जा बडी अद्भुत रहती है , और आनन्द भी बहुत प्राप्त होता है इस आनन्द को प्रत्येक आस्तिक सनातनी प्राप्त करें इसलिए हमने ये यात्रा की है , और जब लोग इन स्थानों पर जाएंगे तो निश्चित ही स्थानीय लोगों का भौतिक विकास अवश्य होगा । लोगों को रोजगार के अनेक अवसर मिलेगा ।

सरकार शीतकालीन चारधाम तीर्थ यात्रा के लिए बुकिंग शुरु करे
शंकराचार्य जी महाराज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि इस यात्रा के विषय निरन्तर चर्चा बनाए रखने की आवश्यकता है ताकि सबलोग जान सकें , उन्होने पुरोहितों , हकहकूकधारियों तथा समस्त संबन्धितो से अनुरोध किया है कि सबलोग इस यात्रा को जन जन तक पहुंचाने के लिए इसका प्रचार प्रसार करें साथ ही उत्तराखंड सरकार जैसे ग्रीष्मकालीन यात्राओं की बुकिंग करती है उसी तरह शीतकालीन यात्राओं के विस्तार के लिए बुकिंग आरम्भ कर दे ।

गौ गोष्ठी के लिए आज वृन्दावन की ओर प्रस्थान करेंगे शंकराचार्य जी महाराज

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