इंडियन रेस्क्यू एकेडमी ने एसडीआरएफ वाहिनी जौलीग्रांट में शुरू किये आपदा संबंधित स्किल अपग्रेडेशन कोर्स
देहरादून : आज 11 नवम्बर 2024 को एसडीआरएफ मुख्यालय,जौलीग्रांट मे इंडियन रेस्क्यू एकेडमी ने राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के साथ साझेदारी की शुरुआत करते हुए मेडिकल फर्स्ट रिस्पॉन्डर (एमएफआर) प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उत्तराखंड में आपदा के दौरान त्वरित कार्यवाही एवं क्षमता में वृद्धि करने के उद्देश्य से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है।
इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रतिभागियों को जीवन-रक्षक चिकित्सा एवं कौशल उन्नत शिक्षण तकनीकों से लैस करना है, जिससे वे अपनी टीमों को भविष्य में प्रशिक्षित कर सकें। यह उत्तराखंड में मजबूत और सुदृढ़ आपदा प्रतिक्रिया ढांचा बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इंडियन रेस्क्यू एकेडमी फ्लड रेस्क्यू, रोप रेस्क्यू, सीबीआरएन (कैमिकल,बायोलॉजिकल,रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लीयर) संचालन, जीवन रक्षक तकनीक और ढांचे के ढहने की स्थिति में खोज और बचाव (सीएसएसआर) जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों के लिए पाठ्यक्रम एवं वृहद स्तर पर प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
इससे पूर्व 4 अक्टूबर 2024 को आईजी एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल और एमडी अमित अम्बेडकर की उपस्थिति में इंडियन रेस्क्यू एकेडमी के संस्थापक एवं सीईओ अंकित वाघ और एसडीआरएफ के कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने आपदा से संबंधित स्किल अपग्रेडेशन हेतु संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिये एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किए।
एसडीआरएफ की आईजी रिधिम अग्रवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम हमारे आपदा बचाव कर्मियों को आपदा बचाव प्रशिक्षण में उच्चतम मानकों तक पहुँच प्रदान करेगा। टीओटी (ट्रैनिंग ऑफ ट्रैनर्स) मेडिकल फर्स्ट रिस्पॉन्डर कोर्स न केवल हमारी चिकित्सा प्रतिक्रिया क्षमता को बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य के प्रशिक्षकों को भी तैयार करेगा, इस कार्यक्रम से राज्यभर में आपदा के दौरान फर्स्ट रिस्पोन्डर की भूमिका निभाने वाले प्रशिक्षणार्थी लाभान्वित होंगे। एसडीआरएफ कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने कहा, “यह कोर्स हमारे प्रशिक्षित एसडीआरएफ कर्मियों को कौशल उन्नयन का महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा।
इस प्रशिक्षण से प्राप्त उन्नत तकनीक और ज्ञान से उन्हें आपदा के दौरान जटिल स्थितियों को प्रभावी ढंग से संभालने में मदद मिलेगी, और ये महत्वपूर्ण कौशल वे अपनी टीम और आपदा संभावित क्षेत्रों तक पहुंचा सकेंगे।”
इंडियन रेस्क्यू एकेडमी (आईटीयूएस ग्रुप) के संस्थापक और सीईओ श्री अंकित वाघ ने कहा कि “यह पहल सिर्फ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है; यह राज्य के हर नागरिक की सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के बचाव पेशेवरों के कौशल और दृढ़ता को मजबूत कर के हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि जीवन रक्षक विशेषज्ञता उस समय और स्थान पर व्यापक रूप से उपलब्ध हो जब इसकी सबसे अधिक आवश्यकता हो।”
उन्होनें कहा कि इंडियन रेस्क्यू अकादमी एशिया का सबसे बड़ा बचाव प्रशिक्षण संस्थान है, जो आपदा प्रबंधन पेशेवरों के लिए विशेष प्रशिक्षण और उन्नत उपकरण प्रदान करने के लिए समर्पित है। इस टीओटी कोर्स से आपदा प्रशिक्षण के लिए एक नया मानक स्थापित होनें की उम्मीद है, जो बचाव कार्यों के लिए एक अधिक प्रभावी और स्थायी दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रतिवादन बल का उद्देश्य राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उच्च प्रशिक्षित कर्मियों और विशेष उपकरणों के साथ, एसडीआरएफ आपदा प्रतिक्रिया और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इंडियन रेस्क्यू एकेडमी द्वारा संचालित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम एसडीआरएफ की आपदा प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाएगा और संभावित रूप से अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श मॉडल के रूप में काम करेगा। इस अवसर पर उपसेनानायक एसडीआरएफ मिथिलेश कुमार सिंह, सहायक सेनानायक एसडीआरएफ श्यामदत्त नौटियाल,जीएम ट्रैनिंग सुरभि कुंडलिया ,भारत पी0,एवीपी ,संस्थान के जीएम ऑप्स अमोल जाधव एवं अन्य प्रशिक्षक उपस्थित रहे।