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पैठाणी के नजदीक चोपड़ा गांव में बना सेब का बगीचा आकर्षण का केंद्र बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंच रहे देखने

पौड़ी गढ़वाल:  चोपड़ा 

 

सेबाग बना सेब बागवानों का आकर्षण का केंद्र।

दूर-दूर से बगीची को देखने पहुंच रहे ग्रामीण

 

यदि आप पौडी गढ़वाल खिर्सू मार्ग से होते हुवे चोपड़ा पैठाणी जाते है तो आपके पर आपके ब्रेक पर पहुंच जाएंगे और आपका मन करेगा इस खूबसूरत जगह में एक फोटो तो बनती है,

कलासन नर्सरी फार्म द्वार जनपद पौड़ी गढ़वाल के थलीसैंण विकास खंड के चोपड़ा (नौगांव) में स्थापित
सेबाग फार्म सेब बागवानों का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

 

उत्तरीय ढाल, 1738 मीटर की ऊंचाई एवं जंगल से घिरे सेब के लिए अनुकूल जलवायु वाले इस बगीचे की स्थापना बर्ष 2023 में हुई। सेब के इस बगीचे में अनुवांशिक एवं भौतिक रूप से विशुद्ध एम 9 रूट स्टॉक्स पर उच्च घनत्व में चार हजार से अधिक सेब के पौधे लगाए गये है जिनका रखरखाव उच्च स्तर का है।

 

इस बाग में सेब के पौधों के लिए मजबूत सपोर्ट सिस्टम का निर्माण किया गया है, उचित ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगाई गई है,फर्टीगेशन सिस्टम लगाया गया है। बगीचा के चारों ओर सोलर फैंसिंग लगी है। सड़क के पास होने के कारण आने जाने वाले लोग रुक कर सेब के इस बाग को देख रहें हैं व प्रेरित हो रहे हैं।

कलासन नर्सरी फार्म जिनके द्वारा इस बगीचे की स्थापना की गई है इस फर्म के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी  विक्रम सिंह रावत मूल रूप से पौड़ी जनपद के पाबौ विकास खंड के सीकू क्लूण गांव के निवासी हैं।इनकी जन्म भूमि व कर्मभूमि हिमाचल प्रदेश रही है हिमाचल में आपकी सेब की हाइटेक नर्सरी कलासन नाम से है जो आज उच्च घनत्व में सेब की फार्मिंग के साथ साथ उच्च स्तरीय ट्रेनिंग और कंसल्टेंसी सेंटर बन चुका है। उत्तराखण्ड में अपने मूल में 2018 से सेब की नर्सरी पर कार्य प्रारंभ किया अबतक कलासन नर्सरी द्वारा राज्य में 80 से अधिक सरकारी व व्यक्तिगत सेव के बाग स्थापित किए गए हैं। पौड़ी जनपद के धूमाकोट में वर्षों से बंजर पड़े उद्यान विभाग के पटेलिया फार्म को बर्ष 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी पौड़ी धीराज गर्ब्याल के सहयोग से आपकी टीम द्वारा विकसित किया गया। पटेलिया फार्म में वर्तमान में उच्च घनत्व में सेब का बाग के साथ ही रूट स्टॉक्स नर्सरी तैयार की जा रही है पर्यटकों को भी यह केन्द्र आकर्षित कर रहा है। माडल के तौर पर जिलाधिकारी पौड़ी के आवासीय परिसर में भी आपकी टीम द्वारा उच्च घनत्व का सेब का बगीचा विकसित किया है।

रावत का कहना है कि उत्तराखंड में सेब की फसल हिमाचल से पहले तैयार होती है, जिसे बाजार में दाम भी अच्छा मिलेगा । पहाड़ में एक साथ खेत नहीं हैं तो बागवानी के लिए कंपनी या कोओपरेटिव बनायी जा सकती है सामूहिक खेती करने पर जंगली जानवरों और बंदरों से भी आसानी से फसल को बचाया जा सकता है।

यदि आप भी सेब का बगीचा लगाना चाहते है तो :

 

सलाह – अनुकूल जलवायु, ढलान, भूमि व सूक्ष्म वातावरण होने पर ही सेब के बाग लगायें

एम 9 रूट स्टॉक्स पर उच्च घनत्व की सेब की खेती केवल उन बागवानों के लिए अधिक फायदेमदं है जिनके पास सभी साधन ( मजबूत स्पोर्ट सिस्टम निर्माण, उचित ड्रिप सिंचाई प्रणाली, फर्टीगेशन सिस्टम लगाने की क्षमता ) अपना समय व सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध हो।

उत्तराखण्ड में बागवानों के लिए कम घनत्व एम आई 793 व एम एम 111 अथवा मध्यम घनत्व एम 7, एम 116, एमएम 106 रूट स्टॉक्स पर सेब की बागवानी अधिक लाभदायक हो सकती हैं।

 

साभार  – राजेन्द्र प्रसाद जी की फेसबुक वॉल से 

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