देहरादून : आज 23 सितम्बर 2024 को करोड़ो भारतीयों के आस्था के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की जन्मभूमि अयोध्या में श्री रामलला के दिव्य विग्रह पर देवभूमि उत्तराखण्ड के ऐपण कला से सुसज्जित रेषमी वस्त्रों में प्रभु श्रीराम के दर्षन उत्तराखण्ड वासियों के लिये गौरवशाली एवं असीम प्रेम का प्रतीक है।
यह रेशम वस्त्र उत्तराखण्ड में प्रसिद्ध (शहतूती) मलबरी रेशम के धागे से बना है जिसको देहरादून में उत्तराखण्ड को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन के ब्रांड दूनसिल्क के द्वारा अपने हथकरघा बुनकरों के माध्यम से तैयार कर उत्तराखण्ड के सदृर सीमावर्ती जनपद पिथौरागढ़ की युवती कुमारी निशा पुनेठा द्वारा अपनी अद्भुत एैपन कलाकृति को उक्त वस्त्र पर उकेरा गया।
उत्तराखण्ड को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन के ब्रांड ‘‘दूनसिल्क‘‘ को आज प्रभु श्रीराम जी अप्रीतम प्रेम प्राप्त हुआ है, वह राज्य में शहतूती रेशम उत्पादन में लगे समाज के गरीब आर्थिक रुप से पिछड़े कीटपालकों, रेशा बुनाई कार्यो में लगे सैकडो़, हजारों श्रमिकों को आर्षिवाद भी प्राप्त हुआ हैं। प्रभु श्रीराम जी के विग्रह स्वरुप में उत्तराखण्ड राज्य के शहतूती रेशम एवं राज्य की प्रमुख धरोहर ऐपन कला के वस्त्रों में प्रकट होना राज्य के लिये गौरवशाली एवं बहुत ही भावनात्मक क्षण है।
निबंधक, सहकारी समितियां, उत्तराखण्ड सोनिका द्वारा इस अद्भुत कार्य हेतु रेशम फेडरेशन एवं इस पूरी प्रक्रिया में लगे सभी लोगो, ऐपन गर्ल को बधाई दी गई एवं कहा गया कि इससे निश्चित रुप से दूनसिल्क को एक नई पहचान मिलेगा एंव सर्वोत्तम कार्य करने की प्रेरणा भी।
इस अवसर पर प्रबंध निदशक आनंद शुक्ला, रेशम फेडरेशन द्वारा बहुत ही प्रसन्नता व्यक्त की गई एवं बताया गया कि करोड़ो भारतीयों के आस्था के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की जन्मभूमि अयोध्या में श्री रामलला के दिव्य विग्रह पर देवभूमि उत्तराखण्ड के ऐपण कला से सुसज्जित रेशमी वस्त्रों में प्रभु श्रीराम के दर्शन बहुत ही गौरव एवं सन्तोष का विषय है, जिस हेतु उनके द्वारा सर्वप्रथम मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया गया जिनके माध्यम से ही फेडरेशन को यह गौरव प्राप्त पाया, इसके साथ-साथ रेषम फेडरेषन की पूरी टीम, कार्य में लगे बुनकरों, कीटपालको, कुमारी निषा पुनेठा, जिनके द्वारा इस वस्त्र पर एैपन कार्य किया गया।
निदेशक, रेशम प्रदीप कुमार ने भी इस मौके पर भारी प्रसन्नता व्यक्त की गई एवं कहा गया कि यह राज्य में पूरी तत्परता से लगे हजारों रेषम कास्तकारों एवं विभाग व फेडरेशन की समस्त टीम के लिये गौरवशाली क्षण है, प्रत्येक भारतीय के लिये प्रभु श्रीराम के आर्षिवाद से बढ़कर कुछ भी नही हो सकता हैं।