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जब एक गलत रिपोर्ट से मुश्किल में पड़ गया था उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन

देहरादून

 

उत्तरकाशी टनल में गलत जीपीआर रिपोर्ट से रेस्क्यू अभियान पर पड़ गया था बड़ा असर

सुरंग में 5.4 मीटर तक मेटल ना होने का किया गया था उल्लेख जबकि एक मीटर बाद ही आ गई थी रुकावट
चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना की सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए गए बचाव अभियान में अमेरिकन ऑर्गेर मशीन की महत्वपूर्ण भूमिका रही 48 मीटर तक ड्रिलिंग करने के साथ उसके  जरिए 60 मीटर तक पाइप भी सुरंग में पहुंचाया गया ,
अभियान पूरा होने के बाद  मशीन का संचालक कंपनी के मैकेनिकल इंजीनियर ने ग्राउंड प्रिंटिंग रडार जीपीआर की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं अभियान के दौरान जब यह रिपोर्ट आई थी कि तब बचाव दल में उत्साह का संचार हुआ था और रिपोर्ट के बारे में अधिकारियों ने मीडिया को भी जानकारी दी थी ,
ट्रांसलेट इंजीनियरिंग सर्विस कंपनी के मैकेनिकल इंजीनियर शंभू मिश्रा कहते हैं कि 23 नवंबर को जीपीआर के जरिए मलबे को स्कैन किया गया फिर 24 नवंबर को नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने उन्हें जीपीआर की रिपोर्ट दी जिसमें बताया गया था की सुरंग में 5 मीटर तक कोई भी मेटल और सरिया नहीं है इसी रिपोर्ट पर विश्वास करते हुए ऑपरेटर ने मशीन को संचालित किया लेकिन एक मीटर ड्रिल करने के बाद ही मशीन का हेड बीट और उनके कट्टर लोहे के जाल में फंस गए इसके बाद ड्रिल के कट्टर हेड वह बीट को काटकर बाहर निकलना पड़ा सिर्फ इसी से एक करोड रुपए से अधिक का नुकसान हुआ ड्रिल के कट्टर सिर और बिट निकालने के दौरान कंपनी के कर्मचारियों को जान जोखिम में भी डालनी पड़ी मिश्रा कहते हैं कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अमेरिका ऑर्गेर मशीन के लिए ट्रैंसलेस इंजीनियरिंग सर्विस कंपनी से संपर्क किया था इस मशीन के पार्ट्स वायुसेना के तीन विमान के जरिए पहुंच गए थे साथ ही मशीन को संचालित करने के लिए कर्मचारियों का 30 सदस्य दल भी आया था अब सुरंग में स्थापित इस मशीन को निकालने का काम चल रहा है, हालांकि उन्होंने कहा सबसे खुशी की बात यह है कि सभी को शत कुशल बचा लिया गया बाकी नुकसान की भरपाई तो भरी जा सकती है ।

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