
भू-बैकुंठ धाम श्री बद्रीनाथ के कपाट शीतकाल हेतु विधि-विधान के साथ हुए बंद— भक्ति, परम्परा और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु
दोपहर 02:56 बजे निर्धारित पवित्र शुभ मुहूर्त में भगवान श्री बद्रीनाथ जी के कपाट पूर्ण वैदिक विधि-विधान, मंत्रोच्चारण एवं सनातन परम्पराओं के साथ शीतकाल हेतु बंद कर दिए गए। यह दिव्य क्षण हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में अत्यंत भाव-विह्वल और अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभूति के साथ संपन्न हुआ।
पंच-पूजा के साथ प्रारंभ हुई कपाट बंद करने की प्रक्रिया के अंतिम दिन मंदिर परिसर में भक्तिभाव का अद्भुत वातावरण था। इस पावन अवसर से पूर्व श्री बद्रीनाथ मंदिर को रंग-बिरंगे पुष्पों से भव्य रूप से सजाया गया, जिसकी मनोहारी छटा देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो उठे। कपाट बंद होने की समूची प्रक्रिया के दौरान पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पंवार ने स्वयं मंदिर परिसर में मौजूद रहकर जमीनी स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग की। उन्होने ड्यूटी कर रहें जवानों का उत्साहवर्धन किया और कठिन परिस्थितियों में भी सेवा भावना तथा संयम बनाए रखने हेतु सभी जवानों प्रोत्साहित किया। श्रद्धालुओं से संवाद करते हुए एसपी चमोली ने सुरक्षित यात्रा, जिम्मेदार व्यवहार और सहयोग की अपील भी की तथा उन्होंने कपाट बंद होने की दिव्य बेला का संयम और अनुशासन के साथ साक्षी बनने हेतु सभी का आभार व्यक्त किया।
मुख्य पुजारी रावल अमरनाथ नंबूदरी जी द्वारा भगवान नारायण की विशेष पूजा-अर्चना, घृत-कम्बल अर्पण तथा स्त्री-वेष धारण कर माता लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान करने की दिव्य परंपरा हर दर्शक के लिए जीवन का अविस्मरणीय अध्याय बन गई। इस अनूठी सनातन विधि को प्रत्यक्ष देखकर उपस्थित श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। सेना के बैंड की मधुर धुनों, घंटी-घड़ियालों की पावन ध्वनि और जय बद्री विशाल के गगनभेदी उदघोषों से संपूर्ण धाम आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
इस अवसर के साक्षी बनने हेतु देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने गहन भावनाओं के साथ अंतिम दर्शन किए और भगवान के कपाटों के बंद होते ही आने वाले छह माह की प्रतीक्षा का संकल्प मन में बसा लिया। शीतकाल की अवधि में भगवान नारायण की पूजा-व्यवस्था पांडुकेश्वर स्थित योग-ध्यान बदरी में संपन्न होगी। कपाट बंद होने के पश्चात परंपरा अनुसार दिनांक 26 नवंबर को प्रातः भगवान श्री उद्ववजी एवं कुबेर जी की प्रतिमाएँ भव्य डोली शोभा यात्रा के साथ योगध्यान बदरी (पांडुकेश्वर) की ओर प्रस्थान करेंगी, वहीं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी विधिवत रूप से श्री नृसिंह मंदिर (ज्योतिर्मठ) स्थित गद्दीस्थल पर विराजमान होगी। यह यात्रा भी पूर्ण धार्मिक गरिमा और परंपराओं के अनुरूप होगी।
इस वर्ष 04 मई 2025 को कपाट खुलने के साथ ही पुलिस अधीक्षक चमोली के कुशल नेतृत्व और सशक्त निर्देशन में चमोली पुलिस ने यात्रा-व्यवस्था को सुरक्षित, अनुशासित और मानवीय दृष्टिकोण से पूर्णतः सफल बनाया। लाखों श्रद्धालुओं की सुचारू आवागमन एवं सुरक्षा हेतु पुलिस टीम निरंतर सक्रिय रही। यात्रा मार्ग पर चौक-चौबंद सुरक्षा-व्यवस्था, ट्रैफिक प्रबंधन, स्थानीय समन्वय, आपदा प्रबंधन और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष प्लानिंग एवं पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की गई। यात्रा के दौरान पुलिस जवानों ने बरसात, ठंड और ऊँचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी जैसी कठोर परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का समर्पणपूर्वक निर्वहन किया। मानवीय आधार पर सहायता और सेवा भावना का प्रदर्शन करते हुए चमोली पुलिस ने सैकड़ों श्रद्धालुओं को संकट की स्थिति में बचाया, बीमार यात्रियों को अस्पताल पहुँचाया, रास्ता भटकने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित गंतव्य तक पहुँचाया तथा अनेक लोगों के जीवन में सुरक्षा का भरोसा जगाया। यात्रा अवधि के दौरान चमोली पुलिस ने न सिर्फ यात्री सुरक्षा बल्कि स्थानीय जनता की आवश्यकताओं का भी संज्ञान लिया और हर स्तर पर सक्रिय सहयोग प्रदान किया। यात्राकालीन सेवा भाव के कारण श्रद्धालुओं ने बार-बार चमोली पुलिस की सराहना की और उनका मनोबल बढ़ाया।
इस वर्ष श्री बद्रीनाथ धाम में आस्था का विराट सागर उमड़ा जिसमें रिकॉर्ड सोलह लाख पचास हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बैकुंठ धाम पहुँचकर भगवान श्री बद्रीनाथ जी के पावन दर्शन किए। यह संख्या बद्रीनाथ यात्रा के इतिहास में भक्तिभाव और विश्वास का अभूतपूर्व उदाहरण है।
इस वर्ष धाम पर अनेक विशिष्ट विभूतियों ने भी दर्शन किए जिनमें मुख्य रूप से माननीय राज्यपाल (ले.ज. से.नि.) श्री गुरमीत सिंह, माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड़ श्री पुष्कर सिंह धामी, माननीय मुख्यमंत्री झारखंड श्री हेमन्त सोरेन, माननीय मुख्यमंत्री दिल्ली श्रीमती रेखा गुप्ता, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन श्री मुकेश अंबानी, फिल्म अभिनेता श्री रजनीकान्त सहित फिल्म, संगीत, साहित्य एवं खेल जगत की अनेक प्रतिष्ठित हस्तियाँ शामिल रहीं।
इस दौरान अपर जिलाधिकारी विवेक प्रकाश, उपजिलाधिकारी ज्योतिर्मठ चन्द्रशेखर विशिष्ठ, बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, पुलिस उपाधीक्षक चमोली मदन सिंह बिष्ट, पुलिस उपाधीक्षक कर्णप्रयाग त्रिवेन्द्र सिंह राणा, कमांडिंग ऑफिसर 07 असम रेजिमेंट सिवेश तिवारी, 23 बटालियन आईटीबीपी माणा डिप्टी कॉमन्डेट विमल राणा, गढवाल स्काउट कमांडिंग ऑफिसर शान्तनु बॉउरी, प्रतिसार निरीक्षक चमोली आनन्द सिंह रावत, थानाध्यक्ष नवनीत भण्डारी, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा0 हरीश गौड़ धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट, मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित सहित प्रशासन व मन्दिर समिति के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।


