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सहकारिता के क्षेत्र में रेशम फेडरेशन की नवाचार यात्रा से प्रभावित हुए भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी

सहकारिता के क्षेत्र में उत्तराखंड का मॉडल बना राष्ट्रीय प्रेरणा का केंद्र

रेशम फेडरेशन की नवाचार यात्रा से प्रभावित हुए भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारी

 

उत्तराखंड कोऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के मुख्यालय में आज का दिन ऐतिहासिक बन गया जब भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों— पंकज कुमार बंसल (अपर सचिव एवं प्रबंध निदेशक, एनसीडीसी),  कपिल मीणा (निदेशक, सहकारिता विभाग) तथा अन्य संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी—ने फेडरेशन की नवाचार आधारित गतिविधियों का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया।

अधिकारियों ने रेशम सिल्क पार्क परिसर का भ्रमण कर वहां स्थापित अत्याधुनिक हैंडलूम इकाइयों, रेशमी वस्त्र बुनाई, यार्न बैंक, एवं लोकप्रिय ‘दून सिल्क’ रिटेल आउटलेट की कार्यप्रणाली का अवलोकन किया। निरीक्षण के पश्चात प्रबंध निदेशक श्री आनंद शुक्ल द्वारा एक व्यापक प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें फेडरेशन की पूर्ण मूल्य श्रृंखला की कार्यप्रणाली, नवाचार, भविष्य की रणनीतियाँ और जमीनी कार्यों की झलक प्रस्तुत की गई।

🔹 उत्तराखंड रेशम फेडरेशन की प्रमुख उपलब्धियाँ:

1. उत्तर भारत का पहला समेकित सिल्क वैल्यू चेन मॉडल:
ककून उत्पादन से लेकर रिटेल विक्रय तक की संपूर्ण श्रृंखला को एकीकृत करने वाला अभिनव मॉडल।

2. ‘दून सिल्क’ ब्रांड की स्थापना:
स्थानीय कारीगरों और महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को बाज़ार में पहचान दिलाने वाला प्रतिष्ठित रिटेल ब्रांड।

3. 11 सहकारी संस्थाओं में वैल्यू चेन की स्थापना:
‘कोऑपरेटिव-कोऑपरेटिव’ मॉडल के अंतर्गत 11 संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाकर लाभ की स्थिति में लाया गया।

4. महिला सशक्तिकरण के लिए ‘लखपति दीदी’ योजना:
सैकड़ों महिला समूहों को स्वरोजगार एवं आय सृजन के मजबूत मंच से जोड़ा गया।

5. बाजार विस्तार व निर्यात की दिशा में अग्रसरता:
उत्तराखंड के रेशमी उत्पादों को राष्ट्रीय बाजारों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाने की तैयारी।

6. तकनीकी नवाचार:
डिजिटल यार्न बैंक, ई-मार्केटिंग, डिजाइन इनोवेशन और टेक्सटाइल R&D के माध्यम से उत्पादन में गुणात्मक सुधार।

 

🔹 भविष्य की रणनीति:

वित्तीय वर्ष 2025-26 में ₹10 करोड़ उत्पाद विक्रय का लक्ष्य।

₹20 करोड़ मूल्य के उत्पादन हेतु 5 नई प्रोडक्शन लाइनों पर कार्य आरंभ।

सहकारी मॉडल को रोजगार, उद्यम और आर्थिक सशक्तिकरण के टिकाऊ माध्यम के रूप में स्थापित करना।

भारत सरकार के अधिकारियों ने फेडरेशन की इन उपलब्धियों और नवाचारों की सराहना करते हुए निर्देश दिए कि इसकी सक्सेस स्टोरी और प्रेजेंटेशन मंत्रालय को उपलब्ध कराई जाए, ताकि इस मॉडल को पूरे देश में दोहराया जा सके।

प्रबंध निदेशक  शुक्ल ने कहा कि, “यह केवल रेशम उत्पादन नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और महिला सशक्तिकरण की पुनर्रचना है। सहकारिता अब केवल संगठन नहीं, विकास का सशक्त माध्यम बन चुकी है।”

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इस अवसर पर उप निबंधक कुमाऊं  हरीश खंडूरी निदेशक रेशम प्रदीप कुमार,
जिला सहायक निबंधक देहरादून बलवंत मनराल प्रबंधक  मातबर कंडारी, प्रशासनिक अधिकारी श्री विनोद कुमार, फैशन डिज़ाइनर डॉ. निहारिका सिंह, टेक्सटाइल इंजीनियर  अंकित खाती, ब्रांड प्रमोटर श्रीमती गीता नेगी,  अनिल डोभाल आदि की उपस्थिति रहे।

 

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