देहरादून

प्रधानमंत्री मोदी का ब्रुनेई दौरा: भारत-ब्रुनेई संबंधों की 40वीं वर्षगांठ पर ऐतिहासिक मुलाकात…

पीएम मोदी का ब्रुनेई दौरा दोनों देशों के लिए अहम। ब्रुनेई पहुंचने पर भारतीय उच्चायुक्त डिमरी समेत वरिष्ठ अधिकारियों ने की गर्मजोशी से मोदी की अगवानी

देहरादून :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 से 4 सितंबर तक ब्रूनेई की यात्रा पर हैं। यह यात्रा भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है। करीब 4.5 लाख आबादी वाला देश भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और एशिया-प्रशांत के विजन के लिए एक अहम भागीदारी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त विदेश दौरे पर हैं। वह ब्रुनेई की दो दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को ब्रुनेई पहुंचे। यहां उनका भव्य स्वागत किया गया। ब्रुनेई पहुंचने पर भारतीय दूतावास में नियुक्त भारत के कुशल राजनिक के रूप में उच्चायुक्त आलोक अमिताभ डिमरी समेत दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी वह ब्रुनेई के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीएम मोदी की गर्म जोशी के साथ अगवानी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के निमंत्रण पर 3 और 4 सितंबर को ब्रुनेई की यात्रा पर हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि इस दौरे से दोनों देश के ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाई मिलेगी।

करीब साढ़े चार लाख की आबादी वाले ब्रुनेई का प्रधानमंत्री मोदी का दौरा ऐतिहासिक है। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ब्रुनेई का पहला द्विपक्षीय दौरा होगा। यह यात्रा उस वक्त हो रही है जब दोनों देश अपने राजनीयिक संबंधों की स्थापना के 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। पश्चिम एशियाई देश भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हिंद-प्रशांत विजन के लिए अहम भागीदार हैं।

ब्रुनेई एक छोटा तेल समृद्ध सल्तनत है जिसकी आबादी करीब 4.5 लाख है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया में जनसंख्या के हिसाब से सबसे छोटा देश भी है। ब्रुनेई आधिकारिक तौर पर मुस्लिम देश है और मलय इसकी आधिकारिक भाषा है। इसकी भौगिलिक स्थिति भी काफी अहम है। यह दक्षिण-पूर्वी एशिया, बोर्नियो द्वीप के उत्तरी तट के साथ, दक्षिण चीन सागर और मलेशिया की सीमा पर स्थित है। दक्षिण चीन सागर के जरिए हिंद और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों के करीब है।

 

इसकी अर्थव्यवस्था लगभग तेल और गैस के व्यापार पर आधारित है। ब्रुनेई एशिया में दूसरा सबसे अधिक प्रति व्यक्ति आय वाला देश है।

पीएम मोदी की ब्रुनेई यात्रा का कार्यक्रम क्या है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 से 4 सितंबर तक ब्रूनेई की यात्रा पर हैं। अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी ब्रुनेई के

सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया और शाही परिवार के अन्य सम्मानित सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। यह यात्रा भारत और ब्रुनेई के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।

इससे पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अक्तूबर 2013 में ब्रुनेई दारुस्सलम में आयोजित 11वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 8वें ईएएस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्रुनेई दारुस्सलम का दौरा किया था। यह भारत के प्रधानमंत्री की ब्रुनेई दारुस्सलाम की पहली यात्रा थी। वहीं प्रधानमंत्री मोदी और सुल्तान की पहली मुलाकात नवंबर 2014 में नेपीता में 25वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। दोनों नेताओं की मुलाकात नवंबर 2017 में मनीला में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के दौरान भी हुई थी।

पीएम मोदी की ब्रुनेई यात्रा पर विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने कहा कि प्रधानमंत्री ब्रुनेई के साथ संबंधों और सहयोग के सभी पहलुओं पर द्विपक्षीय चर्चा करेंगे।

विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि ब्रुनेई भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ और एशिया-प्रशांत के लिए विजन के लिए एक अहम भागीदार है। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, ‘चूंकि हम इस साल अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के एक दशक पूरे कर रहे हैं, इसलिए यह दौरा अधिक महत्व रखता है। ब्रुनेई 2012 से 2015 तक आसियान में हमारा देश समन्वयक रहा है और आसियान के साथ हमारे आगे के जुड़ाव में एक अहम भूमिका निभाई है और आज भी ऐसा करना जारी रखता है।’

 

यात्रा में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर विशेष जोर दिया जाएगा। दोनों देश रक्षा क्षेत्र में सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह बना सकते हैं। रक्षा के अलावा, इस यात्रा में ऊर्जा संबंधों को मजबूत करने और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने पर जोर दिया जा सकता है।

 

ब्रुनेई में भारतीय उच्चायुक्त आलोक अमिताभ डिमरी ने कहा, ‘हम एक संयुक्त बयान की उम्मीद कर रहे हैं, जो द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लेगा। भारत का ब्रुनेई में एक अंतरिक्ष स्टेशन भी है, जो इसरो को कुछ प्रमुख प्रक्षेपणों में मदद करता है।’

ब्रुनेई में भारतीय समुदाय कितना बड़ा है?

ब्रुनेई में भारतीय प्रवासियों का प्रवास कई दशकों से चल रहा है। इनमें से पहला 1930 के दशक में आया था। उसके बाद से लगातार प्रवासियों की संख्या बढ़ती ही गई। वर्तमान में, ब्रुनेई की कुल जनसंख्या लगभग 450,500 में से लगभग 14,500 भारतीय रहते हैं। आधे से अधिक भारतीय प्रवासी अर्ध और अकुशल श्रमिक हैं, जो तेल और गैस उद्योग, निर्माण, खुदरा व्यापार आदि में काम करते हैं। ब्रुनेई में डॉक्टरों की एक बड़ी संख्या भारत से है। यहां काफी संख्या में भारतीय शिक्षक, डॉक्टर, इंजीनियर और आईटी पेशेवर के साथ व्यवसायी रहते हैं।

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