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सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सख्त निर्देश पर हरिद्वार जिला सहकारी बैंक में बड़ी कार्रवाई

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सख्त निर्देश पर हरिद्वार जिला सहकारी बैंक में बड़ी कार्रवाई

अनुत्तरदायी कार्यप्रणाली पर दो शाखा प्रबंधक निलंबित, आठ के वेतन पर रोक

ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित सहकारिता तंत्र की ओर सख्त कदम

उत्तराखंड सरकार सहकारिता क्षेत्र में सुधार और सुशासन सुनिश्चित करने हेतु लगातार सख्त कदम उठा रही है। इसी क्रम में आज जिला सहकारी बैंक लिमिटेड, हरिद्वार में एक बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई को अंजाम दिया गया। कार्य में लापरवाही और अनुत्तरदायी रवैये पर दो शाखा प्रबंधकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि आठ अन्य शाखा प्रबंधकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है।

यह कठोर कदम जिला सहकारी बैंक मुख्यालय बी.टी. गंज, रुड़की में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान उठाया गया, जिसकी अध्यक्षता अपर निबंधक सहकारिता श्री आनंद ए.डी. शुक्ला ने की। बैठक में बैंक की वित्तीय स्थिति, एनपीए (गैर निष्पादित परिसंपत्ति), डिपॉजिट वृद्धि, ऋण वितरण और शाखा स्तरीय प्रशासनिक दक्षता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंथन किया गया।

निलंबन की कार्रवाई जिन पर हुई:

श्री प्रशांत शुक्ला, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, बहादराबाद

श्री देवनारायण चौधरी, शाखा प्रबंधक, खानपुर

वेतन पर रोक जिन शाखा प्रबंधकों की लगी:

रुड़की मुख्य शाखा, गणेशपुर, भगवानपुर, झबरेड़ा, लक्सर, खानपुर, राइसी, तेजुपुर

समीक्षा बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:

जिन शाखाओं का एनपीए 10% से अधिक है, वहां संबंधित शाखा प्रबंधकों के वेतन पर रोक लगाई जाएगी।

आगामी तीन माह में एनपीए को 68 करोड़ से घटाकर 40 करोड़ तक लाने का लक्ष्य तय।

जिन शाखाओं का डिपॉजिट 10 करोड़ से कम है, उन्हें 20 करोड़ तक लाने हेतु लक्षित योजना।

सभी शाखाओं को 15 अगस्त 2025 तक पैक्स कम्प्यूटरीकरण पूर्ण करने और शाखाओं के सौंदर्यीकरण हेतु निर्देशित किया गया।

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का सख्त संदेश:

> “प्रदेश में सहकारिता प्रणाली को ईमानदार, पारदर्शी और परिणाम आधारित बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। जवाबदेही से विमुख किसी भी अधिकारी को अब बख्शा नहीं जाएगा। परिणाम देने वालों को पुरस्कृत किया जाएगा, लेकिन लापरवाही पर कठोरतम दंड मिलेगा।”

 

डॉ. रावत ने यह भी स्पष्ट किया कि सहकारिता तंत्र को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में विकसित करने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए कार्य संस्कृति में व्यावसायिकता, डिजिटल पारदर्शिता और जनहित की भावना को अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है।

इस समीक्षा बैठक में बैंक के सचिव, महाप्रबंधक, सभी उप महाप्रबंधक, समस्त शाखा प्रबंधक तथा बैंक से संबंधित अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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