कर्णप्रयाग (चमोली) :
बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष और बद्रीनाथ धाम के पुजारी समुदाय डिमरियो के बीच तनाव कीस्थिति उत्पन्न होती दिख रही है
बद्रीनाथ धाम के पुजारी समुदाय डिमरियों की श्री बद्रीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की एक महत्वपूर्ण बैठक में अहम फैसले लिए गए हैं। पंचायत ने बीकेटीसी अध्यक्ष की बदरीनाथ धाम की परंपरा विरोधी नीति व कार्यप्रणाली के विरुद्ध आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। परंपरा व मान्यताओं से छेड़छाड़ करने का षड्यंत्र रचने वाले बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय के खिलाफ पंचायत ने खुले आम मोर्चा खोल दिया है। पंचायत ने बद्रीनाथ धाम में बी के टी सी अध्यक्ष के खिलाफ 13 सितंबर को जबरदस्त प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है।
डिमरियों के एक गांव उमट्टा में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में पंचायत के सभी सदस्यों ने एक स्वर में बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय द्वारा परंपराओं व मान्यताओं पर एक षड्यंत्र के तहत छेड़खानी का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष के खिलाफ खुले तौर पर हल्ला बोल का ऐलान कर दिया है। हालांकि मंदिर समिति के अध्यक्ष के खिलाफ डिमरी पंचायत का यह प्रदर्शन सांकेतिक रूप से होगा लेकिन यदि जरूरत पड़ी तो आगे डिमरियों के तीन दर्जन से अधिक गांव से सब लोगों को इकट्ठा कर बड़े प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा। बैठक में सभी सदस्यों को पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी व उपाध्यक्ष भास्कर डिमरी द्वारा इस बात की जानकारी दी गई कि बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की बोर्ड मीटिंग में सभी सदस्यों द्वारा पारित प्रस्ताव से हटकर अध्यक्ष और तत्कालीन मुख्य कार्याधिकारी द्वारा अपने मनमाने ढंग से प्रस्ताव को अंकित किया गया है। स्पष्ट तौर पर दोनों ही अधिकारियों ने मंदिर समिति की बोर्ड मीटिंग के कार्यवृत्त के रिकॉर्ड से पूरी तरीके से छेड़खानी की है।
पंचायत के दोनों पदाधिकारी ने पंचायत सदस्यों को इस बात से भी रूबरू कराया कि मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा अपने मनमाने हिसाब से मंदिर कर्मचारियों की सेवा नियमावली तैयार की है। बोर्ड मीटिंग में सदस्यों के सामने नियमावली को नहीं लाया गया है और सभी की आंख में धूल झोंककर अध्यक्ष ने अपने मनमाने ढंग से नियमावली शासन को प्रेषित कर प्रख्यापित करवाई है। जिसमें परंपरागत रूप से वर्षों से बदरीनाथ धाम के पुजारी पदों पर सीधी भर्ती का उल्लेख किया गया है। जबकि केदारनाथ मंदिर के पुजारी पदों पर परंपरा को ध्यान में रखा गया है। यह पूरी तरीके से बद्रीनाथ धाम के पुजारी पदों की परंपरा वह मान्यता पर कुठाराघात है।
श्री बद्रीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत ने परंपराओं व मान्यताओं के संरक्षण के लिए उत्तराखंड के चार धाम के तीर्थ पंडा पुरोहित, पुजारी समुदाय, हक हकूकधारी पंचायतों से सहयोग की अपील की है। इसके अलावा पंचायत ने ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य महाराज जी से सैकड़ो वर्षों से चली आ रही परंपराओं व मान्यताओं के संरक्षण के लिए दखल देने के साथ ही संरक्षण देने की प्रार्थना की है।
श्री बद्रीनाथ डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, उपाध्यक्ष भास्कर डिमरी, सचिव भगवती प्रसाद डिमरी, डिम्मर उमट्टा मूल पंचायत के सरपंच विजयराम डिमरी, रविग्राम पाखी मूल पंचायत के पूर्व सरपंच ज्योतिष डिमरी आदि ने संयुक्त वक्तव्य जारी कर बी के टी सी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय पर जानबूझकर परंपराओं से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि मंदिर समिति के अध्यक्ष लगातार परंपरा व मान्यताओं से जुड़े हुए डिमरी समाज के कामों में जानबूझकर अटकलें व षड्यंत्र करने का काम कर रहे हैं।
पंचायत की इस महत्वपूर्ण बैठक में सर्व समिति से बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सभी 11 सदस्यों के प्रति भगवान बद्री विशाल के तेल कलश व नारद उत्सव समेत परंपराओं से जुड़े हुए हर विषय पर अपनी स्वीकृति और सहमति देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट करने का प्रस्ताव पारित किया गया। पंचायत ने 14 सितंबर को बद्रीनाथ धाम में आयोजित होने वाले श्री नारद उत्सव एवं मातामूर्ति धार्मिक उत्सव में सभी सदस्यों को विशेष रूप से आमंत्रित किया है।
डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की इस महत्वपूर्ण बैठक में पंचायत के वरिष्ठ सदस्य के रूप में हर्षवर्धन डिमरी, गोपी डिमरी, प्रकाश डिमरी,महेश डिमरी, शैलेंद्र डिमरी,संजय डिमरी प्रभुकांत,मूल पंचायत डिम्मर उमट्टा के सचिव मुकेश डिमरी, केंद्रीय पंचायत के कोषाध्यक्ष टीका प्रसाद डिमरी आदि ने प्रमुख रूप से हिस्सा लिया।
इस संबंध में हमारे द्वारा बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया यह उनके खिलाफ कुछ लोग काफी समय से षड्यंत्र कर रहे हैं ,
अपने निजी हितों को साधने के लिए एजेंडा चला रहे हैं जिसमें उनके मंदिर समिति के २ सदस्य भी शामिल है गाडू घड़ा यात्रा के संबंध में अध्यक्ष ने कहा इस यात्रा को सहायता राशि देने को लेकर मंदिर समिति के एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है, और यह लोग कोविड के समय की राशि की मांग भी कर रहे हैं जिस समय यात्रा बंद थी इसके अलावा अपने ऊपर अन्य आरोप को भी उन्होंने सिरे से नाकार दिया ।