रिश्वतखोरी के दोषी मुख्य शिक्षा अधिकारी को तीन साल की सजा
भ्रष्टाचार के दोषी मुख्य शिक्षा अधिकारी को तीन साल की सजा
हल्द्वानी।
> मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह वर्ष 2017 में रिश्वत के मामले में न्यायालय द्वारा दण्डित ।
> शिकायतकर्ता रिजवानुर्रहमान पुत्र स्व० मौलाना मतलूबुर्रहमान निवासी मौहल्ला नियाजगंज अल्मोड़ा ने सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय हल्द्वानी (नैनीताल) में 25.4.2017 को एक शिकायती प्रार्थनापत्र अशोक कुमार सिंह पुत्र इन्द्रदेव सिंह निवासी ग्राम दोलतिया पो० बनकट जिला वाराणसी (उ०प्र०) तत्समय-मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा के द्वारा शिकायतकर्ता के मोहल्ला नियाजगंज अल्मोड़ा में स्थित फैजे आम सिटी मॉडर्न जूनियर हाईस्कूल की मान्यता के लिये मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा के द्वारा 15000/- रूपये रिश्वत की मांग की जा रही है।
> जांच से तथ्य सही पाये जाने पर निरीक्षक पंकज उप्रेती के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया गया। ट्रैप टीम द्वारा 28.04.2017 को तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी, अल्मोड़ा अशोक कुमार सिंह को 15,000/- रूपया रिश्वत लेते हुये स्वतंत्र साक्षियों के समक्ष रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया तथा उत्कोच में लिये गये 15,000/- रूपये अशोक कुमार सिंह उपरोक्त से मौके पर ही बरामद किये गये।
इस सम्बन्ध में थाना सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर नैनीताल हल्द्वानी में मु०अ०सं० 1/2017 धारा 7 व13 (1) (डी) सपठित धारा 13 (2) भ्र०नि०अधि० 1988 बनाम अशोक कुमार सिंह पंजीकृत किया गया। अभियोग की विवेचना निरीक्षक संजय कुमार पाण्डे द्वारा की गयी तथा विवेचना उपरान्त अभियुक्त के विरूद्ध आरोप पत्र माननीय न्यायालय प्रेषित किया गया। अभियोजन की कार्यवाही के दौरान अभियोजन अधिकारी दीना रानी द्वारा न्यायालय के समक्ष 13 गवाहों को परीक्षित कराया गया। अभियोग की पैरवी मुख्य आरक्षी सतपाल राम चिन्याल द्वारा की गयी।
अभियोग की केस आफिसर निरीक्षक ललिता पाण्डे थी। न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम / विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नैनीताल नीलम रात्रा की अदालत द्वारा 23.12.2024 को अभियुक्त अशोक कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के अपराध के लिये तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा 25,000/- रूपया (पच्चीस हजार रूपये) के जुर्माने से दण्डित किया गया है तथा जुर्माना अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13 (2) सपठित धारा 13 (1) (डी) के अपराध के लिये तीन वर्ष के कठोर कारावास तथा 25,000/- रूपये (पच्चीस हजार रूपये) जुर्माने से दण्डित किया गया है तथा जुर्माना अदा न किये जाने की स्थिति में अभियुक्त को छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास से दण्डित किया गया है।
० निदेशक, उत्तराखण्ड सतर्कता अधिष्ठान, निदेशालय देहरादून, डॉ० वी०मुरूगेशन ने अपील की है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे आयें और टोल फ्री नम्बर-1064 पर कॉल करें।