देहरादून : विशेष संवाददाता।
उत्तराखंड बद्री केदार मंदिर समिति में एक बार फिर ताजा विवाद उत्पन्न हो गया है इस बार बद्रीकदार मंदिर समिति के सदस्य नहीं बल्कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष के बीच तनातनी उत्पन्न हो गई है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) विजय प्रसाद थपलियाल में रार शुरू हो गई है। अध्यक्ष ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को पत्र भेजकर सीईओ पद पर कनिष्ठ अफसर की तैनाती पर आपात्ति जताई है। वहीं, सीईओ थपलियाल का कहना है कि मंदिर समिति के ऐक्ट के अनुसार ही डेपुटेशन पर सरकार ने उनकी नियुक्ति की है।
दैनिक हिंदुस्तान समाचार पत्र को दिए अपने बयान में अध्यक्ष अजेंद्र का कहना है कि नियमावली के अनुसार सीईओ पद के लिए 6600 ग्रेड पे वाला प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी ही होना चाहिए। इसके साथ संबंधित अफसर को शासकीय और प्रशासनिक कार्यों का भी अनुभव होना जरूरी है। वहीं, अपर मुख्य कार्याधिकारी के लिए प्रांतीय सिविल सेवा के 5400 ग्रेड पे के अधिकारी का प्रावधान है, लेकिन मौजूदा सीईओ कनिष्ठ अफसर हैं, जिससे प्रशासनिक विसंगतियां पैदा हो गई। एसीईओ पद पर पीसीएस अफसर की तैनाती भी क्षीण हो गई है।
इधर, सीईओ थपलियाल ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष ने अपने करीब तीन साल के कार्यकाल में कुछ काम नहीं किया। बीकेटीसी ऐक्ट के सेक्शन-14 के प्रावधान के तहत सरकार ने उनकी नियुक्ति की है। अध्यक्ष को पता होना चाहिए है कि ऐक्ट और नियमावली में कौन बड़ा है। वे सरकार के आदेश को चुनौती दे रहे हैं। अध्यक्ष के कार्यकाल के सिर्फ दो माह शेष है और इस वजह से वे राजनीति कर रहे हैं
अब ऐसे में देखना होगा अध्यक्ष और सीईओ कि यह तकरार कितनी लंबी खींचती है ।