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पोखड़ा बना नवाचार और जागरुकता का केंद्र

पौड़ी गढ़वाल

बदलाव से ही होगा आर्थिक सशक्तिकरण: उप सचिव

पोखड़ा बना नवाचार और जागरुकता का केंद्र

वरिष्ठ अधिकारियों ने वैज्ञानिक खेती और आत्मनिर्भर कृषि पर दिया जोर

11 जून 2025

भारत सरकार के ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान खरीफ–2025’ के अंतर्गत विकास खंड मुख्यालय पोखड़ा में कृषक संवाद एवं जागरुकता कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में किसानों को जैविक खेती, जल प्रबंधन, यंत्रीकरण, एफपीओ, बागवानी, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसल बीमा व पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं की जानकारी दी गई।

उपसचिव, कृषि (विस्तार), भारत सरकार, श्री अनूप सिंह बिष्ट ने नवाचारी कृषि अपनाने पर बल देते हुए उत्पादन लागत घटाने और उपज का अधिक मूल्य प्राप्त करने को प्राथमिकता बताया। उन्होंने ई-नाम व डिजिटल अवसंरचना मिशन जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने की जरूरत पर बात की।

मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. विकेश यादव ने पहाड़ी महिलाओं की कृषि में भूमिका को रेखांकित करते हुए सिंचाई, फलदार पौधों और तकनीकी प्रशिक्षण पर चर्चा की। उन्होंने राजस्व विभाग से खतौनी समस्याओं का समाधान भी सुनिश्चित करने की बात कही।

भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परविंदर कौशल ने किसानों को उत्तम बीज, मिट्टी परीक्षण, बाजार व्यवस्था, प्रसंस्करण और प्रशिक्षण के जरिये आय बढ़ाने का आह्वान किया।

किसानों ने वनों की आग, घेरबाड़ की कमी, जंगली जानवरों और श्रमिकों की लागत जैसी समस्याएं साझा कीं। अधिकारियों ने इन समस्याओं के समाधान हेतु सुझाव दिए, जैसे कि पारंपरिक खेती के साथ यंत्रीकरण को जोड़ना, उन्नत किस्म के पशुपालन को बढ़ावा देना और बागवानी को प्रोत्साहित करना। उन्होंने मनरेगा योजना को कृषि कार्यों से जोड़ने पर जोर दिया, ताकि श्रमिकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और कृषि क्षेत्र को मजबूती मिल सके। साथ ही अधिकारियों ने किसानों से फीडबैक लेकर समस्याओं की समीक्षा कर समाधान किया। अधिकारियों ने काश्तकारों के समक्ष आ रही व्यावहारिक चुनौतियों के समाधान हेतु विभागीय समन्वय का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर रिटायर्ड अनुसचिव श्रीमती डी. पोनी, निवर्तमान ब्लॉक प्रमुख श्रीमती प्रीति देवी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख सुरेंद्र सिंह रावत, रामेश्वरी देवी, बीडीओ सूर्य प्रकाश शाह, कृषि एवं भूमि संरक्षण अधिकारी सतपुली श्रीमती इंदु गोदियाल तथा बड़ी संख्या में कृषक, स्थानीय जनप्रतिनिधि, कृषि विशेषज्ञ एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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