विधानसभाध्यक्ष का खानपुर विधायक पर करम तख्तापलट मामला राज्य को ले डूबेगा- मोर्चा
2 वर्ष से खानपुर विधायक की सदस्यता पर नहीं लिया गया फैसला !
दल- बदल कानून के तहत होनी थी कार्रवाई |
सरकार के तख्तापलट संबंधी बयान पर खामोशी का सबब !
सदन में बिना सबूत बोलने पर क्यों नहीं फटकारा !
सदन में उक्त विधायक को अधिक समय और विपक्ष को कम समय !
7 अनुस्मारक भेजने पर आपका विधानसभा सचिवालय जवाब नहीं देता |
एक्सीलेंसी के प्रमाण पत्र बांटना बंद करें विधानसभाध्यक्ष !
विकासनगर : जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि विधानसभाध्यक्ष खंडूरी द्वारा खानपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक पर दरियादिली एवं खास तवज्जो प्रदेश के हितों पर कुठाराघात कर रही है | नेगी ने कहा कि चांदपुर, रुड़की निवासी रविंद्र पनियाला ने 26/5/ 22 को उक्त विधायक के खिलाफ दल- बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित करने/ सदस्यता रद्द करने संबंधी कार्रवाई करने को लेकर विधानसभाध्यक्ष /सचिव के समक्ष याचिका दायर की थी, लेकिन 2 वर्ष से अधिक समय बीतने के उपरांत भी आज तक कोई कार्रवाई/ निर्णय न होना निश्चित तौर पर कहीं न कहीं सॉफ्ट कॉर्नर दर्शाता है | विधानसभाध्यक्ष को ऐसा कौन सा डर सता रहा है जो आज तक कार्यवाही नहीं कर पाईं !
नेगी ने कहा कि उक्त विधायक द्वारा निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़ा गया था तथा चुनाव जीतने के उपरांत एक तथाकथित राजनैतिक दल (स्वयं का) ,जो पूर्व से ही अस्तित्व में था, का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर राजनीतिक दल में शामिल हो गए, जोकि भारतीय संविधान की धारा 191( 2) की अनुसूची 10 का घोर उल्लंघन है | नेगी ने कहा कि उक्त विधायक की सदस्यता रद्द करने /दल बदल कानून के तहत कार्रवाई करने संबंधी सूचना पर उच्चाधिकारी द्वारा सात बार अनुस्मारक भेजने के उपरांत भी मातहत अधिकारी जवाब देने को तैयार नहीं हैं, बावजूद इसके विधानसभाध्यक्ष एक्सीलेंसी का प्रमाण पत्र बांट रही हैं |
नेगी ने कहा कि हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान सदन में उक्त विधायक द्वारा सरकार के तख्तापलट मामले में बिना दस्तावेजों के बयानबाज़ी की एवं डील (लेनदेन) संबंधी बयान भी दिया, लेकिन विधानसभाध्यक्ष द्वारा इस बात का संज्ञान क्यों नहीं लिया गया ! तख्ता पलट मामले की भनक खुफिया एजेंसी तक को नहीं तो इनको कैसे जानकारी हुई ! कहीं तख्ता पलट के तार उक्त विधायक से तो नहीं जुड़े हुए !इसके साथ-साथ एक निर्दलीय विधायक को सदन में बोलने के लिए अधिक समय प्रदान करना तथा वहीं दूसरी और विपक्ष को अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय न देना प्रदेश के हितों से कुठाराघात है |
यह अलग बात है कि विपक्ष इको फ्रेंडली मैच खेल रहा है,लेकिन गरीब व आमजन के मुद्दों पर सदन में चर्चा तो हो ही सकती थी| मोर्चा विधानसभाध्यक्ष की इस रहमदिली के खिलाफ आंदोलन करेगा| पत्रकार वार्ता में- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार व प्रवीण शर्मा पिन्नी मौजूद थे |