उत्तराखंडदेहरादून

उत्तराखंड: जिला पंचायतों के कार्यकाल समाप्ति पर प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश जारी…

उत्तराखंड: जिला पंचायतों के कार्यकाल समाप्ति पर प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश जारी

उत्तराखंड। चूंकि भारत का संविधान के अनुच्छेद 243 क के अनुसार पंचायत का कार्यकाल प्रथम बैठक की तिथि से अधिकतम पौध वर्ष की अवधि तक के लिए निर्धारित है। उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) में माह-नवम्बर, 2019 में ग्राम पंचायत/क्षेत्र पंचायतों/जिला पंचायतों के सामान्य निर्वाचन सम्पन्न हुए थे। इस संबंध में ग्राम पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के उपरान्त शासनादेश संख्या-1429/ Xu (1)/19-86(04)/2008 TC-1. 25.11.2019 के द्वारा ग्राम पंचायतों की प्रथम बैठक 28.11.2019 एवं क्षेत्र पंचायतों व जिला पंचायतों के सामान्य निर्वाचन के उपरान्त शासनादेश संख्या 1430/x1(1)/19-86(04)/2008 10-1, 25.11.2019 के द्वारा क्षेत्र पंचायतों की प्रथम बैठक 30.11.2019 एवं जिला पंचायतों की प्रथम बैठक 02.12.2019 को आहूत की गयी।

2. चूंकि उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जनपदों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) में जिला पंचायतों के सामान्य निर्वाचन उनके कार्यकाल के अवसान से पूर्व अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण कराया जाना साध्य नहीं है।

3- अतएव अब राज्यपाल, उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम, 2016 (यथा संशोधित उत्तराखण्ड पंचायतीराज (संशोधन) अधिनियम, 2020) की धारा 130 की उपधारा 6 के अधीन प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए उत्तराखण्ड राज्य की समस्त गठित जिला पंचायतों (जनपद हरिद्वार को छोड़कर) में कार्यकाल समाप्ति ( 01.12.2024) के पश्चात, कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से छः मास से अनधिक अवधि के लिए अथवा नई जिला पंचायत के गठन होने तक अथवा अग्रिम आदेशों तक, जो भी पहले ही, प्रशासक के रूप में, सम्बन्धित जनपद के जिला पंचायत के निवर्तमान अध्यक्ष को नियुक्त करने हेतु सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारी/ जिला मजिस्ट्रेट को प्राधिकृत करते हैं।

4.जिलाधिकारी/जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नियुक्त प्रशासक / निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा सम्बन्धित जिला पंचायत के प्रशासक का कार्यभार, गठित जिला पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति ( 01.12.2024) के पश्चात् तत्काल ग्रहण कर लिया जायेगा। इस प्रकार नियुक्त किए गये प्रशासकों द्वारा सामान्य रूटीन कार्यों का ही निर्वहन किया जायेगा तथा नीतिगत निर्णय नहीं लिये जायेंगे। विशेष परिस्थिति में यदि नीतिगत निर्णय लिलया जाना आवश्यक हो तो प्रकरण यथाप्रकिया सम्बन्धित जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तराखण्ड शासन को संदर्भित किया जाएगा तथा राज्य सरकार के निर्देशानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button