उत्तराखंडदेहरादून

DPSG स्कूल पर जुर्माना न लेने का निर्देश, जन संघर्ष मोर्चा की बड़ी जीत

लेट फीस/ जुर्माना नहीं ले पाएगा डीपीएसजी स्कूल, मोर्चा को मिली सफलता

डीपीएसजी स्कूल लूट रहा था छात्रों को |

आरटीई के नाम पर रजिस्ट्रेशन तक नहीं |

संबद्धता मामले में उत्तराखंड सरकार से एनओसी तक नहीं |

अधिकांश अध्यापक टीईटी उत्तीर्ण नहीं |

सीबीएसई बोर्ड, शासन व निदेशक से भी किया कार्रवाई का आग्रह सीईओ ने |स्कूल चल रहा था राम भरोसे |

विकासनगर -जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सेलाकुई स्थित डीपीएसजी स्कूल द्वारा लेट फीस के नाम पर ₹50 प्रतिदिन एवं एक माह व्यतीत होने के उपरांत ₹5000 जुर्माना लगाने के साथ-साथ जिस तिथि को फीस का भुगतान किया गया है ₹50 प्रतिदिन के हिसाब से अतिरिक्त पेनल्टी लगाई जाती थी |

उक्त लूट के खिलाफ मोर्चा ने मुख्यमंत्री दरबार, शासन- प्रशासन से इन पर नकेल कसने को बड़ा संघर्ष किया , जिसके परिणाम स्वरूप मुख्य शिक्षा अधिकारी, देहरादून ने विद्यालय प्रबंधन को तलब कर संपूर्ण दस्तावेज खंगाले ,जिसमें गंभीर अनियमितताएं सामने आई | अधिकारियों द्वारा दस्तावेजों को खंगालने पर जानकारी हुई कि विद्यालय प्रबंधन 5000 से ₹7000 जुर्माना वसूल रहा है, आरटीई की मान्यता 2020 में समाप्त हो गई जिसको 2022 में नवीनीकृत कराया, जिससे बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था, विद्यालय के पास सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार द्वारा निर्गत अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था, टीजीटी तथा पीआरटी में कार्यरत अधिकांश अध्यापक टीईटी उत्तीर्ण नहीं थे |उक्त मामलों में मुख्य शिक्षा अधिकारी ने विद्यालय प्रबंधन को आज से ही लेट फीस- जुर्माना बंद करने,अन्य मामलों में शीघ्र शासकीय औपचारिकताएं पूर्ण करने के कड़े निर्देश जारी किए तथा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा , शासन, केंद्रीय सीबीएसई शिक्षा बोर्ड से उक्त अनियमितताओं के मामले में कार्रवाई हेतु पत्र प्रेषित किया

| यह मोर्चा की गरीब एवं मध्यमवर्गीय अभिभावकों के मामले में बहुत बड़ी जीत है | मोर्चा अभिभावकों से अपील करता है कि प्राइवेट विद्यालयों द्वारा लूट के मामले में जागरूक हों | मोर्चा किसी भी सूरत में शोषण लूट बर्दाश्त नहीं करेगा | पत्रकार वार्ता में- महिपाल सिंह रावत, कुंवर सिंह चौहान, फतेह सिंह राणा, पंचिया सिंह चौहान, पूरन सिंह चौहान आदि मौजूद थे |

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