देहरादून : सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया उत्तराखंड की 125 समेत 10000 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का उद्घाटन
100 दिन के अंदर उत्तराखंड में ग्रामीण स्तर पर मल्टीपरपज समितियां का कर लिया जाएगा गठन सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत
देहरादून : राजधानी देहरादून उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ सभागार में आज वर्चुअल माध्यम से 10000 मल्टीपरपज पैक्स के उद्घाटन समारोह में जुड़े सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत एवं समितियो से जुड़े उत्तराखंड के किसान ग्रामीण क्षेत्र में खाद-बीज, दवा और वित्तीय सेवाओं समेत सरकारी योजनाओं को तेजी से लोगों तक पहुंचाने के लिए 10 हजार मल्टीपरपज पैक्स का गठन किया गया है.
केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा देश की राजधानी दिल्ली में इन 10 हजार बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के साथ डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का उद्घाटन किया गया।
दीपनगर स्थित उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत उत्तराखंड के सहकारिता मत्स्य डेयरी से जुड़े अधिकारी और किसान वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।
देहरादून से इस कार्यक्रम का उद्घाटन सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर सचिव मत्स्य एवं डेयरी डॉ बी वी आरसी पुरुषोत्तम द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम की प्रथम पाली में सहकारिता मंत्री द्वारा अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह का आभार जताया गया।
डॉ धन सिंह रावत ने कहा सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देश भर में तेजी से बहुउद्देशीय पैक्स का गठन किया जा रहा है केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह जी का लक्ष्य है कि 5 वर्ष के अंतराल में 2 लाख समितियों का गठन किया जाना है जिसके परिणाम स्वरुप 100 दिन के अंदर ही 10000 मल्टीपरपज समितियां गठित कर ली गई है, जिसमें उत्तराखंड में 125 समितियां नवागठित की जा चुकी हैं, और लक्ष्य है 100 दिन के अंदर ही प्रत्येक ग्राम स्तर पर बहुउद्देशीय समितियों का गठन कर लिया जाएगा ,
यह समितियां किसानों और ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी. वर्तमान ने पैक्स के जरिए 24 तरह की सुविधाएं लोगों को दी जा रही हैं. रेल बस हवाई टिकट बिजली बिल जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र समेत कई सुविधाएं अब ग्रामीण स्तर पर किसानों को मिल रही है,इसके साथ ही अब गांव के नाम पर ही सघन सहकारी समिति का नाम रखा जाएगा।
हमारा उद्देश्य है कि 10 किलोमीटर के क्षेत्र में ही एक समिति और जिन गांवों में जनसंख्या कम है वहां दो गांव मिलकर समितियां गठित की जाए, सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में एक लाख नए सदस्य सहकारी समितियां में बनाए गए हैं आज उत्तराखंड में 60% बहुउद्देशीय सहकारी समितियां लाभ की स्थिति में है, और देशभर में उत्तराखंड कोऑपरेटिव बैंक काफी स्वस्थ स्थिति में हैं आज उत्तराखंड में किसानों को पारदर्शी तरीके से ब्याज रहित ऋण वितरित किया जा रहा है।
सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर ने अपने संबोधन में कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ आधार प्रदान करने तथा सामाजिक जीवन में जनतांत्रिक मूल्यों मान्यताओं एवं परंपराओं को विकसित करने में सहकारिता एक सशक्त और सर्वोत्तम माध्यम है। सहकारिता से समृद्धि के सपने को साकार करने और देश में सहकारिता आंदोलन को सुदृढ़ कर समाज के अंतिम व्यक्ति तक इसकी पहुंच बनाए जाने के उद्देश्य से भारत सरकार में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय स्थापित किया गया था यह अत्यंत गर्व का विषय है कि भारत सरकार द्वारा उक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जिसके द्वारा पैक्स के साथ पैक्स से जुड़े सहकारी सदस्यों की भी आर्थिक मजबूत हो रही है।
सहकारिता सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि 100 दिन के भीतर ही प्रत्येक ग्रामीण स्तर पर समिता नवगठित कर ली जाएगी।
सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर एवं सचिव मत्स्य एवं डेयरी द्वारा 11 नवगठित समितियां को प्रमाण पत्र और पांच किसानों को माइक्रो ATM भी सौंपे गए।
कार्यक्रम के अंत में सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर एवं सचिन डेयरी डॉ वीवीआरसी पुरुषोत्तम द्वारा उत्तराखंड रेशम फेडरेशन को नैकॉफ अवॉर्ड्स 2024 पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर प्रबंध निदेशक रेशम फेडरेशन आनंद शुक्ला को सम्मानित किया और अच्छे कार्य के लिए शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में मंच संचालन संयुक्त निबंधक एमपी त्रिपाठी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में अपर निबंधक ईरा उप्रेती द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
आयोजित कार्यक्रम में अपार निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती,आनंद शुक्ला, संयुक्त निबंधक नीरज बेलवाल0 एमपी त्रपाठी, प्रबंध निदेशक राज्य सहकारी संघ रमिंद्री मंदरवाल, समेत नाबार्ड, M-PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों सहित लगभग 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।