उत्तराखंड। 17.7.24
मंदिर समिति के अध्यक्ष की केदारनाथ में आस्था है तो, वो सोना प्रकरण की जांच सीबीआई से करने की मांग केन्द्र सरकार से करें : सी पी उपाध्याय, सीईओ ज्योर्तिमठ
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष की यदि बदरीनाथ और केदारनाथ में आस्था है, तो उन्हें बिना देरी के केदारनाथ मंदिर में सोना प्रकरण के साथ ही उनके कार्यकाल में हुई अनियमितताओ की सीबीआई से जांच की मांग करनी चाहिए। यह बात ज्योर्तिमठ के मुख्य कार्य अधिकारी चंद्र प्रकाश उपाध्याय ने कहीं।
प्रेस को जारी एक सार्वजनिक बयान में ज्योर्तिमठ के सीईओ चंद्रप्रकाश उपाध्याय ने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ करोड़ों श्रद्धालुओं कीआस्था के केंद्र हैं। ये धाम आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित पौराणिक धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व की मंदिर हैं । उन्होंने कहा कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों को सोने और चांदी से मंडित किए जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व में 230 किलो चांदी 2017 में लगाई गई थी तो, आखिर ऐसी कौन सी स्थिति बन गई कि मंदिर समिति प्रशासन को 230 किलो चांदी हटाकर 23 किलो सोना लगाना पड़ा।
केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह को 230 किलो से स्वर्ण मंडित किए जाने की बात किसके द्वारा सार्वजनिक की गई।
यदि 230 किलो सोना नहीं लगाया गया तो फिर मंदिर समिति द्वारा इसका खंडन तुरंत क्यों नहीं किया गया।
ज्योर्तिमठ के सीईओ ने मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उनकी बाबा केदार में आस्था है, तो उन्हें बिना देरी किए हुए केदारनाथ धाम सोना प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करीनी चाहिए। आखिर कैसे सोना तांबे में परिवर्तित हुआ या घिसा। कहा जांच के लिए बेहतर होगा कि वह सीबीआई से इसकी जांच की मांग केन्द्र सरकार से करें ।
उन्होंने यह भी कहा कि अजेंद्र अजय की अध्यक्षता वाली समिति अपने शुरुआती दौर से विवादों में रही है। इस समिति के 10 सदस्यों ने राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को लिखित में एक पत्र देकर अध्यक्ष की कार्यशैली और कार्यकाल में हो रहे भ्रष्टाचार की ओर शिकायत भी की थी। हम सरकार से यह भी जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ने सदस्यों द्वारा दी गई शिकायत पर क्या कार्रवाई की। यह भी भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
ज्योर्तिमठ के सीईओ ने कहा कि ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य वर्ष 2023 में जब केदारनाथ मन्दिर के कपटोदद्घाटन के अवसर पर 25 अप्रैल को पहुंचें , तब वहां के तीर्थ पुरोहितों ने शंकराचार्य के संज्ञान में यह मामला लाया कि 230 किलो सोना यहां से कहां गया।
उन्होंने कहा कि शंकराचार्य ने स्थानीय लोगों, सनातन धर्माबलबियों तथा मीडिया,( प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक ) में प्रकाशित और प्रसारित समाचारों का संज्ञान लेते समाज के सामने इस प्रकरण को रखा।
मंदिर समिति के अध्यक्ष द्वारा गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित किए जाने के बाद मंदिर के गर्भ गृह की फोटो वायरल क्यों और कैसे की गई । जबकि नियमनुसार मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी तरह की फोटोग्राफी पर प्रतिबंध है।
बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष को कहा कि वे संयमित भाषा का प्रयोग करें, उन्हें पता होना चाहिए कि वह सार्वजनिक रूप से बयान बाजी किसके खिलाफ कर रहे हैं।