उत्तराखंडदेहरादून

उत्तरकाशी व रूद्रप्रयाग में राजीव नवोदय विद्यालय के निर्माण को 83 करोड़ स्वीकृत…

 

 

 

शासन ने निर्माण कार्यों के लिये अवमुक्त की 22 करोड़ की पहली किस्त

 

शिक्षा मंत्री डॉ. रावत ने अधिकारियों को दिये निर्देश, शीघ्र शुरू हो निर्माण कार्य

 

देहरादून : 21 अगस्त 2024 उत्तरकाशी व रूद्रप्रयाग जनपद में संचालित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के भवन निर्माण के लिये नाबार्ड द्वारा 83 करोड़ की धनराशि को मंजूरी दे दी गई है। जिसके क्रम में शासन ने दोनों विद्यालय में निर्माण कार्यों के लिये रू0 22 करोड़ की पहली किस्त जारी कर दी है। इन विद्यालयों के भवनों के शीघ्र निर्माण के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

 

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तरकाशी एवं रूद्रप्रयाग जनपद में संचालित राजीव गांधी नवोदय विद्यालय का अब अपना भवन होगा। इन दोनों विद्यालयों के भवन निर्माण एवं अन्य सुविधाओं के लिये नाबार्ड द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत कुल 83 करोड 95 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई है।

 

जिसमें राजीव गांधी नवोदय विद्यालय रूद्रप्रयाग के लिये रू0 44 करोड़ 86 लाख तथा राजीव गांधी नवोदय विद्यालय उत्तरकाशी हेतु 39 करोड़ 8 लाख की धनराशि शामिल है। डॉ. रावत ने बताया कि नाबार्ड द्वारा वित्तीय स्वीकृत के उपरांत शासन स्तर से दोनों विद्यालयों के लिये कुल 22 करोड़ 66 लाख की धनराशि पहली किस्त के रूप में जारी कर दी गई है। जिसमें रू0 12 करोड़ 11 लाख रूद्रप्रयाग तथा रू0 10 करोड़ 55 लाख की धनराशि उत्तरकाशी राजीव नवोदय विद्यालय को अवमुक्त की गई है। जिसका शासनादेश जारी कर दिया गया है। विभागीय मंत्री ने बताया कि उत्तरकाशी में बनने वाले नवोदय विद्यालय की कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग जबकि रूद्रप्रयाग में ब्रिडकुल को कार्यदायी संस्था बनाया गया है, जिन्हें तय समय सीमा के भीतर निर्माण कार्य पूरा करने को कहा गया है।

 

दोनों विद्यालयों को अवमुक्त धनराशि के सापेक्ष किये जा रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का मूल्यांकन समय-समय पर किया जायेगा, जिसके निर्देश संबंधित जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी एवं खण्ड शिक्षा अधिकारी को दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि सरकार का फोकस प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करना है खासकर पर्वतीय व दूरस्थ क्षेत्रों के नौनिहालों को बेहतर शिक्षा मुहैया करा कर उनमें छुपी प्रतिभा को तराशना है।

 

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